कर्क राशिफल 2023

कर्क राशि वालों की कुंडली में गुरु साल की शुरुआत में सप्तम भाव में रहेंगे जो वर्ष की दूसरी तिमाही की शुरुआत में अष्टम भाव में गोचर करेंगे। वहीं शनि भी सप्तम भाव में पूरे साल गोचरस्थ रहेंगे। छाया ग्रह राहु और केतु क्रमशः एकादश एवं पंचम भाव में वर्ष पर्यन्त विराजित रहेंगे। साल की शुरुआत में राशीश चंद्र आपके लग्न में तो बुध और सूर्य षष्ठ भाव में तथा मंगल दशम भाव रहेगा।

व्यवसाय के लिए समय उतार चढ़ाव वाला रहेगा। नौकरीपेशा लोगों को भी धीमी गति से ही सफलता मिल पाएगी। उच्च अधिकारी वर्ग से तनावपूर्ण संबंध हो सकते हैं परन्तु वर्षांत तक समस्याओं का निराकरण हो जायेगा। आर्थिक जीवन में कुछ परेशानी होगी, लेकिन आप अपनी मेहनत और लगन के बल पर हर परेशानी से निकलने में कामयाब होंगे।

माता पिता का स्वास्थ्य चिंता दे सकता है। अपने स्वास्थ्य को लेकर भी सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। दाम्पत्य जीवन में सामंजस्य बनाना होगा नहीं तो जीवनसाथी से झगड़ा हो सकता है। जीवनसाथी धर्म-कर्म के कार्य में अधिक रूचि लेगा। अपने मित्रों से व्यापारिक विवाद में ना पड़ें।

विद्यार्थी वर्ग को मेहनत और एकाग्रता से ही सफलता मिल पाएगी। वर्ष के उत्तरार्ध में आशानुरूप सफलता प्राप्त होगी जिससे यश और मान बढ़ेगा।

कर्क राशि वालों के लिए यह वर्ष उत्तम रहेगा। धन लाभ में आने वाली परेशानियाँ कम होंगी। इष्ट मित्रों से सहयोग प्राप्त होगा। भौतिक सुख साधनों पर अधिक खर्च होगा। घरेलू समस्याओं का समाधान होगा। माता पिता के साथ अच्छे सम्बन्ध बने रहेंगे। प्रतिष्ठित लोगों से भेंट होने की सम्भावना रहेगी। विद्यार्थियों के लिए यह वर्ष अच्छा रहेगा। पढाई में जिज्ञासा उत्पन्न होगी। संतान पक्ष के साथ सामान्य मतभेद हो सकते हैं। कोर्ट कचहरी वाले मामलों में समाधान मिलेगा। वैवाहिक जीवन में पति पत्नी अपने दायित्वों के प्रति उदासीन न रहें सकारात्मक विचारधारा अपनाने का प्रयास करें। नौकरी करने वालों की समस्याएं कम होंगी। 2, 3, 9 मास कष्टदायक रह सकते हैं।

कर्क राशि वालों के लिए इस वर्ष के प्रारम्भ में ही शनि की ढैय्या लग जाएगी जिस वजह से उन्हें कार्यों में अवरोध, मानसिक अशांति, शत्रुओं से पीड़ा, परिवारजनों, मित्रों एवं अन्य स्वजनों से वैमनस्य उभर सकते हैं। यात्रा में परेशानी और हानि संभावित है। कोर्ट-कचहरी एवं राजकीय कार्यों में असफलता मिल सकती है। संतान के प्रति चिंता, तनाव और मानसिक कष्ट हो सकता है। आकस्मिक व्यय से वित्तीय परेशानी हो सकती है। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना होगा। कार्यस्थल में बदलाव या स्थानांतरण हो सकता है। 1, 4, 8 मास कष्टदायक रह सकते हैं।

नोट:- हम यहाँ पर कोई उपाय नहीं देते क्योंकि कोई भी उपाय, व्रत या रत्न धारण अपनी-अपनी कुंडली पर निर्भर करता है अतः सामान्य तौर पर बताये गए उपाय खुद से न अपनाएं वरन किसी अच्छे ज्योतिषी की सलाह के बाद ही कोई उपाय करें, अन्यथा ऐसे उपायों का असर उल्टा भी हो सकता है।