मीन राशिफल 2023

मीन राशि वालों की कुंडली में छाया ग्रह राहु एवं केतु क्रमशः तृतीय और नवम भाव में वर्ष पर्यन्त गोचरस्थ रहेंगे। शनि पूरे साल एकादश भाव में विराजित रहेंगे। वर्षारम्भ में लग्नेश गुरु भी शनि के साथ एकादश भाव में रहेंगे जो वर्ष की दूसरी तिमाही में द्वादश भाव में गोचर करेंगे। साल की शुरुआत में सूर्य और बुध दशम भाव में रहेंगे जबकि मंगल द्वितीय भाव में गोचरस्थ रहेगा।

इस वर्ष आपको अपने व्यवसाय में अच्छी सफलता मिलेगी और आर्थिक प्रगति होगी। व्यापार में नई टेक्नोलॉजी या मशीनरी का प्रयोग तथा विस्तार देंगे। रुके हुए पैसे मिल  सकते हैं। नए वाहन की खरीद हो सकती है। आमदनी के साथ आपके ख़र्चों में भी वृद्धि होगी। नौकरीपेशा लोग अपने बुद्धि और कौशल से उच्च पद पाएंगे। उच्चाधिकारियों से अच्छे संबंध बनाकर रखें वर्ना तनाव बन सकता है।

स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही नहीं बरतें अन्यथा पेट की समस्या, उच्च रक्तचाप संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। घर परिवार के विवादों को हल करेंगे जिससे आपका मान बढ़ेगा तथा पारिवारिक उत्तरदायित्व में वृद्धि होगी। परिवार में शुभ कार्य हो सकते हैं।  तीर्थ यात्रा और विदेश यात्रा के भी अवसर मिल सकते हैं। पारिवारिक सुख एवं संतान सुख मिलेगा।

विद्यार्थियों को इस वर्ष बहुत मेहनत करनी पड़ेगी क्योंकि कड़ी मेहनत के पश्चात ही कुछ सफलता मिल पाएगी। इसलिए परिश्रम से जी ना चुराएं और पूरे मन और एकाग्रता से अपने लक्ष्य की प्राप्ति हेतु अग्रसर रहें।

मीन राशि वालों के लिए यह वर्ष अनुकूल रहेगा। बहुप्रतीक्षित उपलब्धियाँ प्राप्त होंगी। संतान के लिए शुभ समय रहेगा। नाते-रिश्तेदारों में मान सम्मान बढ़ेगा।
कार्य क्षेत्र में प्रगति होगी। धार्मिक कार्य संपन्न होंगे। माता-पिता का स्वास्थ्य चिंता दे सकता है। अविवाहितों के लिए शुभ समय रहेगा। शादी का योग बनेगा।

यात्राओं में अत्यधिक व्यय होगा। एलर्जी एवं श्वास रोग से चिंता हो सकती है। व्यापारियों को कारोबार में अच्छी सफलता मिलेगी। नौकरीपेशा लोगों में उदासीनता का भाव रहेगा। काम धंधे के अलावा अन्य गतिविधियों में सहभागिता बढ़ेगी।
पति-पत्नी के बीच सुखी सहयोग बना रहेगा। कोर्ट-कचहरी के कार्यों में सकारात्मक स्थिति बन सकती है। 3, 6, 9, 12 मास कष्टदायक रह सकते हैं।

मीन राशि वालों पर इस वर्ष से शनि की साढ़ेसाती का आरम्भ हो रहा है। इस वर्ष सिर में साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा। मानसिक कष्ट, अशांति, निरर्थक भागदौड़ और यात्रा बनी रहेगी। कारोबार में गिरावट और चोट की सम्भावना है। आकस्मिक समस्याएं और गुप्त शत्रुओं की बाधा से क्षति हो सकती है। पारिवारिक मतभेद हो सकते हैं। सोच समझ कर बोलें अन्यथा क्लेश बढ़ेगा। संतान के प्रति चिंता बढ़ेगी। अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें। गलत कार्य अथवा किसी भी तरह के संदिग्ध कार्य को करने से बचें। विद्यार्थियों को कड़ी मेहनत से सफलता मिल पायेगी। 4, 8, 9 मास कष्टदायक रह सकते हैं।

नोट:- हम यहाँ पर कोई उपाय नहीं देते क्योंकि कोई भी उपाय, व्रत या रत्न धारण अपनी-अपनी कुंडली पर निर्भर करता है अतः सामान्य तौर पर बताये गए उपाय खुद से न अपनाएं वरन किसी अच्छे ज्योतिषी की सलाह के बाद ही कोई उपाय करें, अन्यथा ऐसे उपायों का असर उल्टा भी हो सकता है।